दिल्ली को उसकी वास्तविक पहचान दिलाना ही मेरा ध्येय: रेखा गुप्ता

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली को उसकी वास्तविक पहचान मिले यह ही मेरा ध्येय है। इसके लिए मैं और मेरी सरकार पूरी मेहनत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह विचार दो पुस्तकों के विमोचन के अवसर पर व्यक्त किए। दिल्ली सचिवालय में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जीना चहल धनकड़ की पुस्तक ‘ही कॉल मी मामा’ और चन्द्रगुप्त कैलाश की पुस्तक “कर्म विज्ञान” का विमोचन किया।


इस अवसर पर सांसद बांसुरी स्वराज, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, दिल्ली सरकार के मंत्री व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिल्ली को विकसित राजधानी बनाने के लिए कटिबद्ध हैं। हम जनता के बीच में जाकर उनका दुख-दर्द समझ रहे हैं और उन्हें दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। आज दिल्ली सचिवालय सबके लिए खुला है। वरना पहले की सरकार में तो लोग अंदर घुस भी नहीं पाते थे। आज हमने जनता, समाज और सरकार को एक कर दिया है। हमारा ध्येय एक है कि दिल्ली को इसकी वास्तविक पहचान दिलानी है और दिल्ली को इसका ऐतिहासिक गौरव दिलाना है। इसके लिए हम रात-दिन मेहनत कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज यदि वह अपने परिवार का, अपने बच्चों का समय काट के, समाज को और राज्य को यह समय दे रही हैं तो तो उसकी पूरी उपयोगिता होनी चाहिए। उनके जीवन का एक-एक क्षण और शरीर का एक-एक कण इस राज्य के विकास के लिए लगे, यहां की जनता की सेवा के लिए लगे, तभी वह मानेंगी कि वह सफल हो रही हैं। इसीलिए वह कर्म पर विश्वास करती हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि उसका फल मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जय और पराजय से भी क्या होता है? वह कर्म है, जिसमें फल छिपा होता है। जीवन में सफलता मिले, ये ज़रूरी तो नहीं है। लेकिन संकल्प सिद्धि से बड़ा होता है। हम जीवन में कर्म करते जाएं और ईश्वर ने जो तय किया है, वह हमें मिलकर ही रहेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जीना चहल ने बड़ी ही खूबसूरत किताब लिखी है। और कैलाश ने तो कमाल कर दिया। धर्म और विज्ञान को इतना सुंदर रूप से परिभाषित किया और वह भी इतने सरल शब्दों में जीवन में। वह कम ही होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों पुस्तकें आधुनिक जीवन में संवेदना, कर्तव्य और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने वाली हैं। जहां ही कॉल मी मामा मातृत्व, करुणा और मानवीय रिश्तों की मार्मिक व्याख्या है, वहीं ‘कर्म विज्ञान’ हमें जीवन के प्रत्येक कार्य को समझदारी और विवेक के साथ करने की प्रेरणा देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ऐसी साहित्यिक कृतियों को सदैव प्रोत्साहित करती है जो समाज को जोड़ती हैं, विचारों का निर्माण करती हैं और सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम बनती हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे ऐसे प्रेरक साहित्य को पढ़ें, समझें और अपने जीवन में उतारें।

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