नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने संसदीय समिति की सिफारिश के बाद देशभर में नेशनल हाईवे पर फर्जी टोल प्लाजा का पता लगाने के लिए राष्ट्रव्यापी सर्वे कराने का फैसला किया है। इस सर्वे का मकसद सड़क यात्रियों की जेब ढीली कर रहे फर्जी टोल प्लाजा को बंद कराकर उन पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने इस बाबत 10 अक्टूबर 2024 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना एवं विकास निगम लिमिटेड (एनएचएआईडीसीएल) को आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि देश के कई हिस्सों में कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा फर्जी टोल प्लाजा बनाकर आम जनता से टोल टैक्स वसूलने की सूचना प्राप्त हुई है।
गुजरात के मोरबी जिला में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8ए पर फर्जी टोल प्लाजा बनाकर डेढ़ साल तक टोल टैक्स की वसूली होती रही। इस दौरान असमाजिक तत्वों ने आम सड़क यात्रियों से 75 करोड़ रुपये बतौर टोल टैक्स वसूले। इसकी जानकारी होने पर स्थानीय पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनको गिरफ्तार कर जेल भेजा। लगभग 900 किलोमीटर लंबे वडोदरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर भरुच खंड व भरुच-सूरत खंड पर टोल प्लाजा का अनुबंध समाप्त होने के बावजूद 100 टोल टैक्स लिया जा रहा है, जबकि सरकार का नियम कहता है ऐसे प्लाजा पर राजमार्ग के मरम्मत व रख-रखाव के नाम पर सिर्फ 40 टैक्स लिया जाना चाहिए। सूत्रों का कहना है विभाग के अफसरों की मिलीभगत से होता है।