दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक ‘प्रबीर पुरकायस्थ’ को दी अग्रिम जमानत

नई दिल्ली: न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ पर अपनी खबरों के जरिए चीन समर्थक प्रचार करने के लिए कथित तौर पर धन प्राप्त करने का आरोप लगा। कोर्ट ने पुरकायस्थ की याचिकाओं पर यह आदेश सुनाया। इसके अलावा, हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा द्वारा दर्ज मामले में न्यूजक्लिक के निदेशक प्रांजल पांडे को भी अग्रिम जमानत दी। वर्ष 2021 में हाई कोर्ट ने इन मामलों में पुरकायस्थ और पांडे को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। ईओडब्ल्यू ने आरोप लगाया है कि न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स जो यूएसए की कंपनी है से 9.59 करोड़ रुपये का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त किया, जो संबंधित कानून का उल्लंघन है।

बता दे बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने उन्हें आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज मामले में भी अग्रिम ज़मानत दी है। यही मामला ईडी की जांच की आधारशिला बना था। फ़रवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और संस्थान के कई कर्मचारियों के घरों और दफ्तरों पर छापेमारी की थी। यह छापे चार दिनों से अधिक समय तक चले थे। इस दौरान प्रबीर पुरकायस्थ को उनके घर में ही नजरबंद रखा गया था। न्यूज़क्लिक पर आरोप था कि उसने शेयर की कीमतें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाईं, फंड्स को इधर-उधर किया और विदेशी निवेश नियमों का उल्लंघन किया।

इसके बाद न्यूज़क्लिक ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने ईडी से केस की जानकारी की प्रति मांगी और जबरदस्ती की कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की। कोर्ट ने जून, 2021 में ईडी को प्रबीर के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई न करने का निर्देश दिया था। यह अंतरिम राहत आगे भी बढ़ाई जाती रही। बाद में न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि न्यूज़क्लिक उन मीडिया संस्थानों में शामिल है, जिन्हें अमेरिका के टेक उद्यमी नेविल रॉय सिंगम के जरिए चीनी प्रचार के लिए फंडिंग मिली। इस आरोप पर सिंगम ने एक चार पन्नो का जवाब जारी किया। उन्होंने इस की रिपोर्ट को "भ्रामक" और "इशारों से भरी हुई हिट पीस" कहा और साथ ही न्यूज़क्लिक ने भी इन दावों को ख़ारिज किया।

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