खेल डेस्क: न्यूज़ीलैंड के साथ तीन टेस्ट की मौजूदा सिरीज़ में भारत 0-2 से पिछड़ रहा है. भारतीय क्रिकेट टीम अपने घर में 12 साल बाद टेस्ट सिरीज़ हारी है वहीं न्यूज़ीलैंड 36 साल में बाद भारत में टेस्ट जीतने में कामयाब रही है और सिरीज़ पर तो पहली बार क़ब्ज़ा किया है. इस हार के पीछे भारतीय बल्लेबाज़ी के स्तंभ विराट कोहली और रोहित शर्मा की असफलता है. कोहली ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अब तक दो मैचों में सिर्फ़ 88 रन बनाए हैं, जिसमें एक अर्धशतक और एक शून्य पर आउट होना शामिल है. श्रृंखला में उनका 22 का औसत ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2016/17 श्रृंखला के बाद से घरेलू मैदान पर किसी प्रतिद्वंद्वी (कम से कम दो मैचों) के ख़िलाफ़ सबसे खराब औसत है, जहां पांच पारियों में 46 रन बनाने के बाद उनका औसत सिर्फ 9.2 था. रोहित की स्थिति तो और भी ज़्यादा चिंताजनक है क्योंकि लगातार दूसरी बार, घरेलू टेस्ट श्रृंखला में (जहां उन्होंने कम से कम दो मैच खेले हैं) उनका औसत 15 से नीचे रहा है. पिछले महीने बांग्लादेश के साथ सिरीज़ में 13.50 की औसत से सिर्फ 27 रन बनाने के बाद, भारतीय कप्तान ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अब तक 15.50 की औसत से 62 रन बनाए हैं. एक नवंबर से मुंबई में न्यूज़ीलैंड के साथ शुरु हो रहे सिरीज़ के तीसरे और आख़िरी टेस्ट मैच में विराट कोहली और रोहित शर्मा के अलावा रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा भी शायद अंतिम बार वानखेड़े स्टेडियम में सफ़ेद कपड़ों में खेलते हुए नज़र आएँ. यह आशंका इसलिए भी है क्योंकि भारत एक साल बाद अक्टूबर में घर में टेस्ट खेलेगा जब वेस्टइंडीज़ की टीम यहाँ आएगी. दूसरी वजह है कि ये चारों खिलाड़ी 35 साल के ऊपर के हैं. अगले एक साल तक फ़ॉर्म और फ़िटनेस बनाए रखना मुश्किल होगा. इन चार दिग्गजों के समय में भारत ने तीन विश्व ख़िताब जीते. टीम दो बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में पहुँची और बारह साल तक टीम घरेलू मैदान पर टेस्ट सिरीज़ नहीं हारी.