पुलिस के ख़िलाफ़ वकीलों का मार्च, कचहरी से कलेक्ट्रेट तक मचा हंगामा

नई दिल्ली: बार एसोसिएशन के सचिव कुंवर सिंह यादव, दो अन्य वकीलों के साथ कचहरी पहुंचे थे। हेड कांसटेबल राखी गौड फतेहगढ़ कचहरी की सुरक्षा में तैनात थीं। गेट नंबर 3 पर डयूटी कर रही थीं और कार्ड चेक कर हरी थी। इसी बीच सचिव कुंवर सिंह यादव व साथ में कुछ वकील कह रहे थे कि इस तरह से चेकिंग नही करनी है। उपनिरीक्षक राजबहादुर सिंह से वकील बहस करने लगे। इसी बीच सचिव के पास खड़े वकील देवेंद्र सिंह ने हेड कांसटेबल राखी को धक्का दिया और थप्पड़ मार दिया। इस दौरान उसका मोबाइल भी गिर गया। घटना के मामले में देर रात राखी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था।


सुबह जब कचहरी में वकील पहुंचे तो मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिली और इस पर अध्यक्ष शशिभूषण दीक्षित, सचिव कुंवर सिंह यादव के आह्वान पर दर्जनों वकील अपने अपने बिस्तरों को छोड़कर बार सभागार में पहुंचे। यहां पर बैठक की गई और पुलिस की ओर से दर्ज किए गए मुकदमे का विरोध किया गया। वकीलों ने कहा कि पुलिस ने समझौता होने के बाद भी इस तरह का जो कृत्य किया है वह उचित नही है। सामूहिक रूप से वकील पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कचहरी परिसर में घूमे और उसके बाद कलेक्ट्रेट में पहुंचे।


वकीलो और पुलिस के बीच हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया। बार सचिव समेत चार के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज होने से वकील गुस्सा हुए। समझौता होने के बाद भी पुलिस के रवैये से नाराज वकीलों ने कचहरी से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला और खूब हंगामा किया। पुलिस के ख़िलाफ़ जबरदस्त नारेबाजी की गई। वकीलों के गुस्से को देखते हुए सुरक्षा के और बंदोबस्त कर दिये गये हैं। बार सभागार में हुई अहम बैठक में पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी गई और मुकदमा वापस न लेने पर आर-पार के संघर्ष का एलान किया गया।


यहां पर भी पुलिस के ख़िलाफ़ नारेबाजी की गई। बाद में सभी वकील फिर से कचहरी में पहुंचे। सचिव ने बताया कि वकील देवेंद्र यादव के साथ भी घटना हुई है। इस मामले में पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी गयी है। उन्होंने कहा कि यदि महिला सिपाही की ओर से दर्ज कराया गया मुकदमा वापस न लिया गया तो वकील हड़ताल पर चले जायेंगे। कचहरी में वकीलों और पुलिस के बीच जो विवाद हुआ था उसमें उच्चाधिकारियों के सामने समझौता भी हो गया था। इसके बाद भी सिपाही राखी मुकदमा दर्ज कराने को अड़ गयी थी।


सीओ सिटी ऐश्वर्या उपाध्याय ने स्वीकार किया कि लिखित में कोई समझौता नही हुआ था। पीड़ित आरक्षी इस मामले में कार्रवाई चाह रही थी इस वजह से मुकदमा दर्ज कराया गया है। बार के संयुक्त सचिव ने लूट और मारपीट की तहरीर दी फर्रुखाबाद। बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव देवेंद्र सिंह यादव ने लूट और मारपीट के मामले में पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर रिपोर्ट पंजीकृत कराये जाने की मांग की है। उन्होने अपने प्रार्थना पत्र में कहा कि दो जून को सुह 9:20 बजे बिना अधिवक्ता ड्रेस के गेट नंबर 3 से जा रहा था। गेट पर मौजूद सुरक्षा कर्मी कांसटेबल राखी , दरोगा राजहादुर सिंह, न्यायालय सुरक्षा प्रभारी एके सिंह ने उससे आधार कार्ड मांगा। जब पुलिस कर्मियों को बताया कि वह बार एसोसिएशन का संयुक्त सचिव है और एसोसिएशन की ओर से जारी पहचान पत्र दिखाया तो पुलिस कर्मियों ने अधिवक्ता पहचान पत्र फाड़ दिया और गाली गलौज करते हुए कहा कि ऐसे फर्जी पहचान पत्र सभी लोग बनवा लेते हैं।


पुलिस कर्मियों ने कहा कि आधार कार्ड दिखाने पर ही अंदर दिया जायेगा। जब बार एसोसिएशन अध्यक्ष और सचिव को बुलाने का प्रयास किया गया तो पुलिस ने लात घूसों से मारा पीटा और जेब में रखे बीस हजार रुपये लूट लिये। मारपीट में उसके शरीर पर चोटें आयी हैं। सूचना पर बार सचिव कुंवर सिंह यादव, अनूप सिंह समेत कई वकील मौके पर आ गये जिन्होंने बचाया। पुलिस अधीक्षक को दिये गये प्रार्थना पत्र में कहा गया कि फतेहगढ़ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने गया मगर रिपोर्ट नहीं दर्ज की गयी। बल्कि महिला कांस्टेबल के प्रार्थना पत्र पर बार एसोसिएशन के सचिव कुंवर सिंह और उनके खिलाफ झूठी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली गयी है।