भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली पुलिस के SHO और ACP के कार्यों की जाँच शुरू

नई दिल्ली: राजधानी में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने व कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार लाने के मकसद से राजधानी के सभी थानों व सब डिवीजन कार्यालयों में जाकर थानाध्यक्षों व एसीपी के कामकाज का मूल्यांकन करने का काम सोमवार से शुरू कर दिया गया है।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने पुलिस मुख्यालय से आर्डर जारी कर सभी आइपीएस व दानिप्स अधिकारियों को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है। एडिशनल डीसीपी से लेकर संयुक्त आयुक्त को दो-दो थानों व एडिशनल पुलिस कमिश्नर से लेकर विशेष आयुक्त रैंक के अधिकारियों को एक-एक एसीपी कार्यालय में जाकर उनके द्वारा किए गए कामकाज का ऑडिट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।


कौन-कौन अधिकारी किन-किन थानों व एसीपी कार्यालयों की जांच करेंगे इसकी सूची बनाकर मुख्यालय से सभी को जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। सभी को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में जाकर जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, यानी अधिकारी अपने क्षेत्र को छोड़कर दूसरे इलाके में जाकर जांच करेंगे। ऐसा नियम इसलिए बनाया गया है ताकि कोई अधिकारी जांच में भेदभाव न कर पाएं व निष्पक्ष तरीके से कामकाज का मूल्यांकन करें। इससे जिले के डीसीपी को यह फायदा होगा कि वह अपने व दूसरे जिले के कामकाज के अंतर को समझ पाएंगे। उन्हें जिस जिले का कामकाज बेहतर लगेगा उसे वह अपने जिले में भी लागू कर सुधार कर पाएंगे।


दिल्ली पुलिस आयुक्त ने सभी अधिकारियों को 10 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। उसके बाद दोनों जोन के विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था मधुप तिवारी व रविंद्र सिंह यादव के अलावा विशेष आयुक्त अपराध शाखा देवेश चंद्र श्रीवास्तव को जांच रिपोर्ट की समीक्षा करने को कहा गया है। तीनों अधिकारी रिपोर्ट रिपोर्ट देखकर पता करेंगे कि किन थानाध्यक्षों व एसीपी का काम ठीक है और किसका काम अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। कार्य प्रदर्शन के अनुसार थानाध्यक्षों व एसीपी को दिशा निर्देश दिए जाएंगे। बाद में पूरी दिल्ली के थानों व एसीपी की रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को सौंपी जाएगी।


पुलिस आयुक्त उक्त रिपोर्ट गृह मंत्रालय में गृह सचिव को सौंपेंगे। वहां भी रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। दिल्ली पुलिस द्वारा किए जाने वाले कामकाज की इस तरह की समीक्षा पहली बार की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए पुलिस आयुक्त समेत छह विशेष आयुक्त रैंक के अधिकारियों को गृह मंत्रालय में तलब किया था। वहां गृह मंत्री ने पुलिस आयुक्त को थानों व एसीपी के कामकाज की तुरंत जांच कराने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आयुक्त ने जल्द जांच कराने के लिए सभी आइपीएस व दानिप्स अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी।


ऑडिट करने वाले अधिकारियों को एक-एक बुकलेट सौंपी गई है, जिसमें बताया गया है कि थानों में जाकर उन्हें क्या-क्या चेक करना है। एक जनवरी 2023 से 15 नवंबर तक का लेखाजोखा चेक करने को कहा गया है। थाने में कितने केस दर्ज किए गए, उनकी जांच किस तरह की गई। आरोप पत्र तय समय दायर किया गया या नहीं। शिकायतों का निपटारा समय पर किया गया या नहीं। थानों में शिकायत सुनने का सिस्टम क्या है। कितने आदतन अपराधियों को बीसी बनाया गया। कितने गिरोह व बदमाशों पर मकोका लगाया गया। सड़कों पर होने वाले अपराध रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए। थानों के रिकार्ड अपडेट है या नहीं। बिल्डिंग की हालत ठीक है या नहीं।

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