दलित छात्रा के साथ गैंगरेप मामले में 45 गिरफ़्तार हुए

केरल: पतनमथिट्टा सीरियल रेप केस में पीड़िता ने 30 में से छह एफ़आईआर में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया है और इसी बीच गिरफ़्तार किए गए लोगों की संख्या 45 पहुँच गई है। इस मामले में कुल 59 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है और पहले यह संख्या 64 बताई जा रही थी। इनमें दो लोग भारत से बाहर और एक व्यक्ति केरल से बाहर फरार है। एक अभियुक्त को तिरुअनंतपुरम ज़िले से गिरफ़्तार किया गया, जबकि अन्य 14 को जल्द ही गिरफ़्तार किए जाने की उम्मीद है।


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़िता ने ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में बयान दिया और बाकी एफ़आईआर में वह कोर्ट के सामने इन-कैमरा बयान देगी। पतनमथिट्टा में चाइल्ड वेलफ़ेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के चेयरपर्सन और वकील एन राजीव ने कहा क़ानून के अनुसार पीड़िता को हर एफ़आईआर में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराना होगा। यह अनिवार्य है और प्रक्रिया का हिस्सा है।


मजिस्ट्रेट के सामने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 183 के तहत दर्ज बयान दर्ज होता है जोकि सीआरपीसी की धारा 164 जैसा ही है।

एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले पीड़िता बीमार होने की वजह से मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान नहीं दर्ज करा पाई थी। इससे पहले इस मामले में 28 अभियुक्तों की गिरफ़्तारी के बाद विशेष जाँच दल यानी एसआईटी गठित की गई थी।


पतनमथिट्टा के पुलिस अधीक्षक वीजी विनोद कुमार इस एसआईटी के प्रमुख बनाए गए हैं, जबकि डीएसपी नंदकुमार एस को भी उनके साथ इस एसआईटी में रखा गया है। नंदकुमार इस मामले के जांच अधिकारी बने रहेंगे, लेकिन इस टीम को ज़्यादा जांच इंस्पेक्टर्स के साथ विस्तार दिया गया है। यह सभी लोग तिरुवनंतपुरम रैंज के डीआईजी अजीता बेगम के अंदर काम करेंगे। इस मामले में जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें छात्रा के पड़ोसी, पड़ोसियों के दोस्त, उनके पिता के दोस्त, स्पोर्ट्स कोच और अन्य लोग भी शामिल हैं। इनमें दो अभियुक्त 17 साल के नाबालिग़ हैं, जबकि अन्य अभियुक्त 19 से 47 साल की उम्र के हैं। इस मामले के संबंध में अब तक 18 केस दर्ज किए जा चुके हैं। यह शिकायतें दो पुलिस थानों में दर्ज हुई हैं।