हाई कोर्ट ने बटला हाउस में तोड़फोड़ पर तत्काल रोक लगाने से किया इनकार

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने बटला हाउस में कथित अवैध निर्माण को गिराने पर तत्काल रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया है। बता दे जस्टिस गिरीश कठपालिया और जस्टिस तेजस करिया की बेंच ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह ख़ान की ओर से दायर जनहित याचिका पर कार्रवाई कर रही थी।


बेंच ने सोमवार शाम करीब 6.10 बजे मामला सामने आने के बाद इसे 11 जून के लिए सूचीबद्ध किया है। बेंच ने कहा दो मुद्दों पर दलीलें रखने के लिए याचिका को 11 जून के लिए सूचीबद्ध किया जाता है और हम इस पर फिलहाल रोक नहीं लगा रहे हैं क्योंकि हमें बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया है।


जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने कहा कि एकल न्यायाधीश ने पहले ही कई लोगों को उनकी याचिकाओं पर अंतरिम राहत प्रदान कर दी है। लेकिन यह मामला जनहित में दायर किया गया है। इससे पहले दिन में सिंगल जज के रूप में जस्टिस करिया ने क्षेत्र के कुछ निवासियों की याचिका पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दे दिया था।


उन्होंने कहा 4 जून को बटला हाउस क्षेत्र में इसी तरह के एक ढांचे के संबंध में भी ऐसी ही राहत दी गई थी और दिल्ली विकास प्राधिकरण को 4 सप्ताह में वर्तमान याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया। एकल न्यायाधीश के समक्ष तीन याचिकाकर्ताओं ने डीडीए द्वारा 26 मई को जारी किए गए ध्वस्तीकरण नोटिस को चुनौती दी थी।


वही आप विधायक अमानतुल्लाह ख़ान की ओर से पेश सीनियर वकील सलमान खुर्शीद ने खंडपीठ के समक्ष कहा कि ध्वस्तीकरण की कार्यवाही 11 जून को निर्धारित है और उन्होंने अदालत से इस पर रोक लगाने का आग्रह किया है। डीडीए के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता विधायक हैं, वह प्रभावित पक्ष नहीं हैं और सुप्रीम कोर्ट पहले ही कथित प्रभावित पक्षों को राहत देने से इनकार कर चुका है।


तब हाई कोर्ट ने कहा कि वह 11 जून को पक्षों को सुनेगा कि क्या खंडपीठ याचिका पर विचार कर सकती है, जहाँ खंडपीठ में दो न्यायाधीशों में से एक ने कुछ व्यक्तियों की इसी तरह की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हे कुछ राहत दी है। अब 11 तारीक को हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई की जाएगी तभी आगे की कार्यवाही का पता चलेगा।

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