किसानों ने रोका दिल्ली मार्च, सरकार को एक हफ़्ते का दिया अल्टीमेटम

नई दिल्ली: किसानों ने “दिल्ली मार्च” रोककर दलित प्रेरणा स्थल पर डेरा डाल लिया है। यूपी के किसान दिल्ली कूच एक हफ्ते तक नहीं करेंगे और यह फैसला किसान नेताओं की ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया। इसके बाद नोएडा एक्सप्रेस-वे से बैरिकेडिंग हटा दी गई और यातायात की आवाजाही शुरू हो गई है। किसानों ने अपनी मांगों पर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार को एक हफ्ते का समय दिया है। इस दौरान किसान दलित प्रेरणा स्थल पर एक सप्ताह आंदोलन करेंगे। अगर एक हफ्ते में मांगे नहीं मानी गई, तो किसान फिर से दिल्ली कूच करेंगे।इससे पहले सोमवार दोपहर 12 बजे किसान नोएडा के महामाया फ्लाईओवर के पास इकट्ठा हुए और संसद का घेराव करने के लिए दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने किसानों को दलित प्रेरणा स्थल पर रोक दिया।


किसानों की पुलिस से नोकझोंक हो गई। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए दिल्ली-यूपी को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर पर जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी थी। लेकिन किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी थी। हालांकि पहले से ही वहाँ वज्र वाहन और आरएएफ के जवान तैनात थे और ड्रोन से निगरानी हो रही थी। नोएडा एक्सप्रेस-वे दोनों तरफ से बंद होने और वाहनों की चेकिंग के चलते 5 किलोमीटर I तक लंबा जाम लग गया था। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हजारों किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दिल्ली की ओर बढ़े तो थोड़ी दूर पर फिर से किसानों को रोक लिया गया है। उधर भीषण जाम से हाहाकार मच गया। वाहन चालक और आम लोग परेशान होते रहे। किसानों का मकसद नोएडा से संसद भवन तक विरोध मार्च निकालने का था।


संसद भवन में शीतकालीन सत्र चल रहा है तो ऐसे में किसानों को नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर ही रोकने की योजना थी। दिल्ली से ग्रेटर नोएडा की तरफ जाने वाली एक्सप्रेस-वे की सडक़ भी बंद की गई। इससे पहले जब किसानों का जत्था महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली की तरफ आगे बढ़ रहा था तो पुलिस और किसान आमने-सामने आ गए थे। किसानों को रोकने के लिए पुलिस सहित पीएसी की कई कंपनियों को भी मौके पर तैनात किया गया था।

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